शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

अब बिगुल बोल उठा है (गुरु जी कि कलम से )

साबधान.............!
कि अब बिगुल बोल उठा है ,
फुट पड़ी है ....
क्रांति की चिंगारी ,
समय के साथ
बदलते हर सच के पीछे की कहानी
शब्द बनकर हर किसी के
जेहन में फैल जाने को तैयार है ,
क्योंकि शब्दों के मकड़जाल को
हम ला रहे है आपके पास ....,
लो उठो और सामना करो
हर रोज एक कड़वे सत्य की ..........
क्योंकि सत्य तो सत्य है ,
पर है बड़ा कडुआ.....................

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