मंगलवार, 17 नवंबर 2009

पत्रकारिता की भूमिका

पत्रकारिता की भूमिका

हमारे देश में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ कहा जाता है। यह बात हमें दर्शाती हैं, कि हमारे समाज व देश के लिए पत्रकारिता कितनी महत्वपुर्ण हैं। पत्रकारिता की भूमिका निर्माण पूर्ण होनी चाहिए। ‘सच्चाई को सामने लाना चाहिए’ एक महत्वपुर्ण शब्द है। पत्रकारिता में बेजुबानो की आवाज बननी चाहिए समाज की गंभीर समस्याओं को समाज के पटल में रखना चाहिए। आम लोगों की आवज जो कि उच्च पदों पर बैठे लोगों तक नहीं पहुँच पाती है। उन की आवाज को उन के कानों तक पहुँचाना एक जिम्मेदार पत्रकार का कर्त्तव्य है। पत्रकारिता को निस्पक्ष होना आवश्यक है। बात सिद्धान्तों की होनी चाहिए। लेकिन समय के बदलते दौर के साथ हमने सिद्धांतों को खूँटी पर लटका दिया है, आज बात सिर्फ सिद्धान्त की होती है परंतु करनी और कथनी मे बहुत फर्क होता है। आज पत्रकारिता के मायने, स्वरूप और लक्ष्य बदल चुका है। आज आधुनिक संचार पत्रकारिता के युग में भारत के आम लोगों की आवाज दब कर रह गई है जो समाचार सामने लाने चाहिए, कई ज्वलंत मुद्दों को दबा दिया जाता है। आज खबरों का मतलब सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन बन कर रह गई है। आज समाचार वाचक व वाचिका कम माँडल ज्यादा लगती है। लेकिन अंधेरी सुरंग के एक कोने से रोशनी आ रही है। आज भी पत्रकारिता के सिद्धांतों को कुछ लोगों ने जिन्दा रखा है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय मे युवा इस उम्मीद को कायम रखेगें।

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